गुरुवार, 17 दिसंबर 2009

ऐसा क्यों होता है ?

क्यों?
तुम्हारे चुप रहने से
दुखी होने से
मुझे दर्द होता है
क्यों ?
तुम्हारे किसी गैर के साथ रहने से
हंसी ठिठोले करने से
उसके बारे में मुझसे भी ज्यादा सोंचने से
उसके लिए कुछ करने से
मुझे दूरी का अहंसास होता है
क्यों ?
हमेशा मैंने चाह की तुम मेरे पास रहो
तुम मेरे ही साथ रहो
मेरे होकर रहो.......
ये दर्द
ये अहंसास
ये चाह
आखिर........
मुझे सिर्फ ''तुम'' ही से क्यों है ?

1 टिप्पणी:

  1. प्यार में ऐसा ही होता है, गहरा प्यार दर्शाती रचना बधाई

    कृपया वर्ड-वेरिफिकेशन हटा लीजिये
    वर्ड वेरीफिकेशन हटाने के लिए:
    डैशबोर्ड>सेटिंग्स>कमेन्टस>Show word verification for comments?>
    इसमें ’नो’ का विकल्प चुन लें..बस हो गया..कितना सरल है न हटाना
    और उतना ही मुश्किल-इसे भरना!! यकीन मानिये

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