गुरुवार, 24 दिसंबर 2009

जानवर

हाँ

मैंने माना कि मै जानवर हूँ

हाँ

मैंने माना कि मै जानवर हूँ

पर................

क्या?

तुम अपने को इंसान कह सकते हो ?

मैंने न मारा किसी को

न की गाली -गलोच

न किसी को रुलाया- सताया

पर

तब भी न जाने क्यों?

जानवर मै कहलाया

कहते है तुम हो बुद्धिमान

पर क्या बचा पाए तुम अपना इमान

नहीं तुम इंसान नहीं

तुम भी हो एक जानवर

जो दूसरो को नोचता हुआ

रिश्तों को तोड़ता हुआ

बस आगे बढ़ना चाहता है

चाहे उसके लिए उसे जानवर(खुन्कार ) ही क्यों न होना पड़े

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