सरकारें सत्ता में अपने पैर जमाये रखने के लिए लागों को कुछ न कुछ प्रलोभन(सुविधायें) देती ही रहती है( ये बात और है कि सरकारें ये काम अपने घोषणापत्र में ही अधिक दिखाती है उनका काम या तो सालों प्रगति पर रहता है या अंडर-कंसीडरेशन.
कभी वह किसानों का क़र्ज़ माफ़ करती है तो कभी राज्य-स्तर पर लाडली जैसी योजनायें चलाती है या फिर कभी वृद्धावस्था, विधवा आदि पेंशनें देकर हर आय-वर्ग के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है यातायात की अच्छी तरह बहाली के लिए और प्रदुषण और सड़क दुर्घटनाओ का हवाला देकर लो-फ्लोर जैसी महंगी बसें चलाती है मेट्रो जैसी सुविधा दी जाती है तथा एम्.सी.डी स्कूलों में भी बच्चों को मिड-डे-मील दिया जाता है ये सभी काम चाहे सरकारों ने किसी भी फायदे के लिए किया हो लेकिन ये भी सच है कि इनसे लोगो को काफी फायदा मिल रहा है बेशक सरकारों को भी मिल चुका हो चुनावों में. अब इन्हें हम प्रलोभन कहें या कुछ और पर ये सच है. अभी हाल ही में एक खबर और मिली है कि केंद्र-सरकार ने ग्रामीण लोगों को उनके घर पर ही तत्काल न्याय दिलाने के लिए न्यायालय स्थापित करने का फैसला लिया है जो हमें लगता है समय और खर्च दोनों ही दृष्टियों से लोगो के लिए लिया गया एक बहुत ही अच्छा फैसला है इस तरह कि अदालतों से वो लोग भी न्याय कि उम्मीद लगा सकेंगे जिनके लिए न्यायालय एक सपने से अधिक और कुछ नहीं है इसके साथ ही केस का फैसला दायर अपील के छ महीनों के अंदर ही कर दिया जाएगा ये और भी ख़ुशी कि बात है इससे लोगों का समय और पैसा दोनों ही बच सकेगा . बस अब तो यही है यदि सरकार कि यह कोशिश सफल रहती है तो उसे सभी गावों को इससे जोड़ना चाहिए .
अब चिंता की बात नही है , सरकार ने गरीबी को जड़ से मिटने की दिशा में भी कदम बढा दिया . प्रधान मंत्री जी ने कह दिया है की बी.पी.यल. कार्ड धारको की संख्या कम किया जाय...............धीरे -धीरे गरीबी अपने आप कम हो जायेगी .
जवाब देंहटाएंपहले तो गरीबी की रेखा से नीचे वालों को गरीब बनाना होगा.
जवाब देंहटाएंकुछ अच्छा करे तो सही, चाहे किसी भी वजह से करे !
जवाब देंहटाएंasli baat hai apni ek chhavi (pratima) banaanaa, good you have a flavour for political diary.
जवाब देंहटाएंveerubhai1947.blogspot.com
अच्छा लिखा है आपने। लेकिन थोड़ा और विस्तार में जाना चाहिए था। बहरहाल, कोशिश जारी रखें। मेरे ब्लॉग पर भी पधारें।
जवाब देंहटाएंApki sakaratmak abhivyakti pasand ayi.
जवाब देंहटाएंSadar
Shyamal Suman
www.manoramsuman.blogspot.com
aap sabhi logo ka shukriya.
जवाब देंहटाएं