गुरुवार, 14 जनवरी 2010

तेरी याद

तेरी वो हर बात
जो........
मुझे आज तक है याद
तेरा रोना,
तेरा हँसना,
खफा होना या
कुछ कहना,
या चुप रहना
तेरी बातें,
जो चुप होके तू कहती थी
वो सब रातें जो गुज़री थीं..
तेरे खयालों मे...........................

5 टिप्‍पणियां:

  1. "जो चुप होके तू कहती थी"
    छोटी मगर सुंदर सी प्यारी से रचना - मौन संवाद जिसमें बहुत कुछ अन्तर्निहित है.

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  2. आपकी प्रोफाइल प्रातक्रिया पोस्ट करने के बाद देखी बहुत छोटी हो इसलिए आशीष और शुभकामनाएं - नए साल में लेखनी को नए आयाम हासिल हों.

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  3. नपे तुले शब्दों में अच्छी अभिव्यक्ति

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  4. उम्दा पक्तिया ......................
    यहाँ भी पढ़े http://psbsayri.blogspot.com/

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